Thursday, September 20, 2012

वो पन्ना


       



यह मेरी डायरी का पन्ना है.
जो मैने आपकी किताब से चुराया था.  
हम तो बादमे कभी मिले नहीं ,पर यहीं  
पन्ना मै बार बार पढती हूँ .और जब भी
इसे पढती हूँ तब आप मेरे करिब आते हो.
यही पन्ना पुरानी यादे ताजा करता है.इस
पन्ने के सहारे सारे गिले शिकवे भूल जाती
हूँ .जो लम्हें हमने घडीभर साथ गुजारे,वोही
लम्हे मेरे जिने का सहारा बन गये.तुम्हारे
साथ ना सही, हम उन यादोंके साथ ही गुजारा
कर लेते है.   

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